हांड कपाने वाली ठंड में भी नहीं दिखाई पड़ रही सरकार के अलाव की व्यवस्था



हांड कपाने वाली ठंड में भी नहीं दिखाई पड़ रही सरकार के अलाव की व्यवस्था


लेखपालो के गांव में ना रहने से हकीकत से हुए लेखपाल अनजान अधिकारियों को दे रहे हैं झूठी रिपोर्ट

लकड़ी खरीदने के नाम पर सरकारी बजट से रकम निकालकर हिस्सा बंटवारा हो रहा है

प्रयागराज मऊआइमा  चार दिनों से ठंड तेजी से बढ़ गई है लोगों के हांड कांप रही है ठंडी के चलते लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं और जो निकल भी रहे हैं वह ठंड से परेशान हो रहे हैं सोरांव तहसील क्षेत्र के मलखानपुर चौराहा,गढचम्पा,देवगलपुर   सहित दर्जनों गांव के एक भी स्थान में ग्राम पंचायत और तहसील प्रशासन ने अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं की है इस क्षेत्र के गांव में कहीं भी लकड़ी जलती नहीं दिखाई पड़ रही है सबसे ज्यादा कष्टकारी गांव के गरीब कमजोर निर्धन परिवारों की है जिनके पास आधुनिक संसाधन नहीं है शुक्रवार को पूरे दिन सूर्य नारायण के दर्शन नहीं हुए हैं
 जिससे तापमान का पारा और नीचे गिर गया है
 ग्राम पंचायत की ओर से अलाव जलता नहीं दिखाई पड़ रहा है जिससे अलाव जलाने के सरकार के निर्देश के अवहेलना का अंदाजा लगाया जा सकता है यदि चर्चाओं पर जाए तो ठंड बढ़ने के बाद लेखपाल गांव में दिखाई नहीं पड़ रहे हैं वह भूमिगत हो गए हैं केवल अधिकारियों की मीटिंग और थाना तहसील दिवस तक लेखपालों की उपस्थिति सीमित रह गई है रद्दी कागज  किराने की दुकान का गत्ता आदि समान को जलकर लोग ताप रहे हैं कहीं दूर जलती आग देखकर लोग ठंड से बचने के लिए वहां पहुंच रहे हैं राजस्व लेखपालों को गांव की गरीब जनता के सुख-दुख से कोई लेना देना नहीं रह गया है जबकि लेखपालों की 24 घंटे गांव में ड्यूटी है लेकिन पूरे तहसील क्षेत्र का एक भी लेखपाल गांव क्षेत्र में तैनाती नहीं देता है और कोई अधिकारी लेखपालों की गांव में 24 घण्टे तैनाती पर दबाव नहीं बना पा रहा है जिससे लेखपालों को गांव की स्थितियों की जानकारी नहीं होती है और वह अधिकारियों को झूठी रिपोर्ट देते हैं यही स्थिति गांव में अलाव जलाए जाने की है लेखपाल अधिकारी को झूठी रिपोर्ट दे रहे हैं कि गांव में अलाव जल रहा है और लकड़ी खरीदने के नाम पर सरकारी बजट से रकम निकालकर हिस्सा बंटवारा हो रहा है बढ़ती ठंड से गांव-गांव में लोग कांप रहे हैं

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