प्रयागराज -नैनी अरैल दक्षिणी लोकपुर रामनगर चौराहा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के संगीतमय प्रवचन में कथावाचक पं ब्रह्मर्षी उपेंद्र जी महाराज ने कहा कि लोगों पर संगति का असर जरूर होता है। इसलिए अच्छे लोगों की संगति करना जरूरी है। पं उपेंद्र जी महाराज ने कहा कि पूर्वजों के नाम पर पिण्डदान, गया करना, कथा श्रवण, दान करने से मुक्ति मिलती है। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से मोक्ष हुआ। कथा श्रवण मात्र से संसार का हर कुछ संभव है। इसलिए श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण भी बड़े सौभाग्य से मिलता है। क्योकि श्रीमद्भागवत कथा पृथ्वी पर अमृत के समान है। कहा कि जहां भी कथा वहां अवश्य जाना चाहिए इससे भगवान की कृपा मिलती है। भगवान का कथा श्रवण करने से जीव का हर प्रकार से कल्याण होता है। जब मनुष्य जन्म का सही अर्थ जान लेता है। तो गलत कार्य करना बंद करके भगवान की प्राप्ति और मोक्ष के लिए प्रयासरत होता है। इसलिए भगवान की कथा सुनना जीव के लिए बहुत ही कल्याणकारी है। महाराज ने कहा कि कलयुग के प्रभाव से मनुष्य न जाने कितना गलत कार्य करता है, इससे मनुष्य को बचना चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा का जो श्रवण करेगा उस पर भगवान की कृपा बनी रहेगी। कहा कि मदिरा पीना तो दूर मदिरा पीने के यहां आने जाने वाला भी पाप का भागी बनता है। इसलिए संसार के माया का चक्कर में न पडकर भगवान की कृपा के लिए भक्ति करें। कहा कि भगवान की कथा समुद्र है इसका पता लगाने की कोशिश नही करना चाहिए बल्कि जो प्रभु की कथा मिल जाये वह बहुत ही है। कथा के श्रवण से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। कथास्थल, पूजा स्थल में कलयुग का असर नही दिखता है। इस मौके पर मुख्य यजमान श्याम जी शुक्ल.इंद्रकली शुक्ला. राधेश्याम शुक्ल.सरोज शुक्ल.प्रमोद शुक्ल.निखिल शुक्ल.उमाशंकर मिश्र.अजय.सुधीर.राजेश.सर्वेश.बीजेपी नेता रहीस चंद्र शुक्ल समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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