5 साल पहले हत्या में पुलिस ने किया खेल अब कोर्ट ने किया तलब

5 साल पहले हत्या में पुलिस ने किया खेल अब कोर्ट ने किया तलब

विजय पांडेय 

प्रयागराज । 5 वर्ष पूर्व हुए दोहरे हत्याकांड में नामजद आरोपियो का पुलिस द्वारा नाम निकाले जाने के बाद वादी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर अपर सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ कुमार वागव ने संज्ञान में लेते हुए नामजद अभियुक्तों को कोर्ट में तलब किया है । जानकारी के अनुसार 7 जून 2019 को नागेंद्र भूषण पुत्र हरि नारायण तिवारी व मनोरमा पत्नी नागेंद्र भूषण तिवारी निवासी साराय लाल  खातून उर्फ शिवगढ़ की छत पर रात्रि में सोते समय बेरहमी से हत्या कर दी गई थी इस संबंध में मृतक के पिता  हरि प्रसाद द्वारा शिवनारायण, शिवम शिव नारायण तथा मोनू यादव पुत्र मथुरा प्रसाद और तीन अज्ञात के विरुद्ध सोराव थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था विवेचना के दौरान नामजद तीनों अभियुक्तों  का नाम पुलिस ने अपने केस डायरी से निकाल दिया था और तीन अज्ञात रहे आरोपी गण धर्मेंद्र कुमार गुप्ता कमला प्रसाद उर्फ बोरा व श्यामू पासी का नाम दर्ज करते हुए चार्ज सीट को कोर्ट में भेज दिया  था जिस पर वादी अधिवक्ता सुधाकर मिश्रा ने धारा 319 सीआरपीसी के तहत  न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश के यहां अपील की । 20 दिसंबर 2023 को इलाहाबाद न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ कुमार वागव ने पत्रावली पर सुनवाई की इस दौरान शासकीय अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा और अभियुक्त गणों की तरफ से भी अधिवक्ता ने अपना अपना पक्ष रखा वादी पक्ष के अधिवक्ता सुधाकर मिश्रा ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि घटना के एक मुख्य चश्मादीह गवाह हरि प्रसाद तिवारी घटना को अपनी आंखों से होते हुए देखी थी हरिप्रसाद तिवारी के अनुसार 7 जून 2019 को प्रार्थी का लड़का और बहू छत पर रात में सो रहे थे और छत के एक तरफ बह खुद भी सो रहा था तभी अचानक चीखने की आवाज सुनकर प्रार्थी उठ कर बैठ गया और देखता है कि शिवनारायण शिवम तथा मोनू और उनके साथ तीन अज्ञात लोग उसके लड़के और बहू को लोहे की राड़ और कुल्हाड़ी से मार रहे थे प्रार्थी शोर मचाते हुए छत से बगल में रखी रेते पर कूद पड़ा और गांव की तरफ शोर मचाते हुए भागा लेकिन रात होने की वजह से कोई नहीं आ पाया जब तक लोग पहुंचे तब तक उपरोक्त लोग मेरे बेटे और बहू की हत्या करके भाग चुके थे घर के बगल लगे खंबे की लाइट की रोशनी में तीनों अभियुक्तों का चेहरा बखूबी पहचाना था। हरि प्रसाद की तरफ से हत्या का मुकदमा नामजद करते हुए दर्ज कराया गया था विवेचना के दौरान विवेचक ने तीनों नामजद अभियुक्तों  का नाम निकाल दिया था। और अज्ञात रहे आरोपियों का नाम प्रकाश में लाते हुए मुकदमे में चार्ज सीट लगा दी थी अब 5 साल बाद अदालत ने तीनों नामजद अभियुक्तों को हत्या करने की जुर्म में तलब किया है।

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