नहीं बन सका नगर पंचायत का जमीनी दस्तावेज,चुनावी वादा चुनाव तक ही रह गया सीमित

नहीं बन सका नगर पंचायत का जमीनी दस्तावेज,चुनावी वादा चुनाव तक ही रह गया सीमित

प्रयागराज : चुनाव में नेताओं के वादे तो सुनने को मिलते रहते हैं.जनता से वोट लेने से पहले नेता तमाम वादे करते हैं,चुनाव से पहले नेता जनता के पीछे तो चुनाव के बाद जनता नेता जी के पीछे घूमती रहती हैं.उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में प्रयागराज की मऊआइमा नगर पंचायत से अध्यक्ष पद के चुनाव में नगर पंचायत का जमीनी दस्तावेज (खसरा खतौनी नक्शा) सही करना सबसे अहम मुद्दों में रहा शामिल। बीजेपी प्रत्याशी मोहम्मद आलम ने इस मुद्दे को जोरों शोरों से उठाया, जमीनी दस्तावेज {राजस्व अभिलेख} सही करने को लेकर भाजपा प्रत्याशी को जनता का भरपूर समर्थन भी मिला लेकिन मोहम्मद आलम चुनाव न जीत सके। सपा प्रत्याशी शोएब अंसारी ने चौथी बार जीत दर्ज की, चुनाव परिणाम के बाद शोएब अंसारी ने फिर से इसी मुद्दे को हवा दे दी अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था,
नगर पंचायत के जमीनी दस्तावेजों को सही करने के लिए तहसील में धरना देना पड़ेगा तो देंगे लेकिन जमीनी दस्तावेज सही करा कर रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक मऊआइमा नगर पंचायत के जमीनी दस्तावेज नगर पंचायत कार्यालय और सोरांव तहसील में भी उपलब्ध नहीं है। 1984 में नगर पंचायत के दस्तावेजों को गायब कर दिया गया था,जमीनी दस्तावेज उपलब्ध न होने से दाखिल खारिज भी नहीं होता,एक ही भूखंड पर अलग-अलग लोग अपना दावा करते हैं, ऐसे सैकड़ो मामले तहसील से लेकर कोर्ट कचहरी तक लंबित है। भू माफिया प्रवृत्ति के लोग इसी बात का फायदा भी उठाते हैं, दूसरों की जमीनों पर जबरन कब्जा करने का प्रयास भी करते हैं। वही शत्रु संपत्ति तालाब सरकारी संपत्ति पर भी पेज फंसा रहता है। ऐसे तमाम मामले मऊआइमा नगर पंचायत से सामने आते रहते हैं,लोग अपनी जमीनों को बचाने के लिए संघर्ष करते रहते हैं। दस्तावेज उपलब्ध न होने से राजस्व कर्मी भी समस्याओं शिकायतों का सही समय पर निवारण नहीं कर पाते हैं,

चुनावी सीजन में नेताओं द्वारा किया गया वादा,वादा ही बनकर रह गया,जमीन पर स्थित वैसे के वैसे ही बनी हुई है।लोग अपनी जमीन बचाने के लिए कोर्ट कचहरी से लेकर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं।

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