बरसात ने छीना बेटी व आशियाना…
दर – दर ठोंकरे खाने के बाद भी प्रसाशन से नही मिला ठिकाना
प्रतापगढ़ । आजादी के 70 वर्ष बाद भी छप्पर में रहने को मजबूर है मरियम का परिवार । घास – फूस के बने छप्पर में जिंदगी बिता रहा परिवार ।आज भी बरसात में गिरे घर के मलबे में दबने से हुए बेटी व नातिन के मौत के बारे मे सोंचकर शिहर उठता है मरियम का परिवार ।
बता दें कि पट्टी तहसील क्षेत्र के रमईपुर नेवादा गांव मे तकरीबन आठ माह पूर्व बारिश के चलते रात मे सोते समय कच्चा मकान गिरने से उसके मलबे मे दबने से उनके 25 वर्षीय बेटी रीना व नातिन की मौत हो गया था ,जिसकी सूचना पाकर मौके पर पहुचे पट्टी तहसील के प्रशानिक अधिकारियों ने परिवार के जख्म पर मरहम लगाते हुए पीड़ित परिवार को आपदा राहत कोष के तहत प्रधानमंत्री आवास का लाभ जल्द दिए जाने का आश्वासन दिया था किन्तु आरोप है कि महीनों बीत जाने के बाद भी आवास का लाभ न मिल पाने पर पीड़िता जिम्मेदारों के चक्कर लगाने लगी और आरोप है कि आज तक चक्कर ही लगा रही है किन्तु मरियम को न तो आवास मिला और न ही अन्य लाभ । मरियम ने बताया कि उसके पति बेरोजगार हैं उसे दो बेटे हैं जिसमें छोटा बेटा लाल अहमद दिब्यागं है और बड़े का दिलावर है जो मेहनत मजदूरी करके घर का खर्च चलाता है । मरियम आगे आरोप लगाते हुए बताया कि उसने जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के साथ ही उपजिलाधिकारी पट्टी व अन्य जिम्मेदारों से मिलकर अपनी फरियाद लगायी किन्तु उसका असर किसी पर नही पड़ा और आज भी उसी घास – फूस नुमा बने आवास मे दिव्यागं बेटे, बेटी तथा पति के साथ रहने व बदहाली का जीवन बिताने को मजबूर है मरियम व उसका परिवार ।